My Blog List

Thursday, 28 November 2013

मैं भारतीय.....

कहाँ से मैं आया, मेरा परिचय क्या?
कौन हूँ मैं, मेरी पहचान क्या?
हड़प्पा भी मैं, मोहनजोदारो भी मैं,
बसाई सिंधु की सत्ता मैंने,
आर्य भी मैं, आक्रांता भी मैं,
उजाड़ी सिंधु की गलियाँ भी मैंने,
धृतराष्ट्र भी मैं, विदुर भी मैं,
कंस भी मैं, रणछोड़ भी मैं,
वीभत्सु भी मैं, दानवीर भी मैं,
मैं शिखण्डी, भीष्म भी मैं,
द्रोण भी मैं, धृष्टद्युम्न भी मैं,
मैं ही अभिमन्यु, परीक्षित भी मैं,
बुद्ध भी मैं, महावीर भी मैं,
मैं धननंद, डरपोक और विलासी,
अडिग पर्वत, पौरव भी मैं
मैं चंद्रगुप्त, चाणक्य भी मैं,
मैं अशोक, चण्ड अशोक,
सम्राट भी मैं, देव प्रिय भी मैं,
मैं समुद्रगुप्त, मैं विक्रमादित्य,
मैं कालिदास, आर्यभट भी मैं,
मैं ही पुलकेसि, युवा हर्षवर्धन भी मैं,
मैं दिल्ली की शान, वीर राजपूत पृथ्विराज चौहान,
मैं सखा मैं कवि, मैं ही चाँद बरदई,
कृष्णदेव भी मैं, तेनाली भी मैं,
मैं ही अलाऊद्दीन, मंगोल विजेता मैं,
पहर के साथ बदले मिजाज़ मेरा, सनकी तुग़लक जो मैं ठहरा,
मैं ही लोदी, मैं ही सांगा,
मैं ही कबीर, मैं ही मीरा,
मैं ही अकबर, प्रताप भी मैं,
मैं शाहजहाँ, रचियता ताजमहल का,
दारा शिकोह भी मैं, औरंगज़ेब भी मैं,
मैं ही शिवाजी, वीर मराठा, सिखाई जिसने शिव सूत्र की कला,
मैं ही कान्होजी, अजेय राज सागर पर मेरा,
मैं ही टीपू, मैं ही रणजीत,
मैं ही नाना, मैं ही मंगल,
वीरता है मेरी पहचान, लक्ष्मी और तात्या भी मेरे नाम,
मैं विवेकानंद, मैं राम मोहन,
मैं करतर सिंह सराभा, हुआ लड़कपन में अमर,
चला भागां वाला पदचिन्हों पर मेरे, अमरत्व की राह दिखाई मैंने,
मैं भगत, मैं सुखदेव, वीर मराठा राजगुरु भी मैं,
मैं बिस्मिल, मैं अश्फ़ाकुल्ला,
मैं गांधी, नेहरू भी मैं,
मैं ही बादशाह खान, पहचानो मुझे, मैं खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान,
ऐ परदेसी, तू पूछे मेरा नाम,
सदियों में न समाए ऐसी मेरी पहचान,
मैं भारतीय, भारत मेरी जान।

मीठी रस से भरी राधा रानी लागे

मीठी रस से भरी राधा रानी लागे,
मने करो करो जमुनाजी को पानी लागे...

जमनाजी तो कारी कारी ,राधा गोरी गोरी,
वृन्दावन धूम मचाये ,बरसाने की छोरी,
बृजधाम राधाजी की जिंदगानी लागे,
मने करो करो ................

काना नित मुरली में टेरे सुमिरे बारम्बार,
कोटिन्ह रूप धरे मन मोहन तरु न पावे पार,
रूप रंग की छबीली पटरानी लागे,
मने करो करो...........

न भावे मन माखन मिसरी, अब न कोई मिठाई,
म्हारी जिभड़ली ने भावे, राधा नाम मलाई
वृषभान की लली तो गुड धानी लागे,
मने करो करो..............

राधा राधा नाम रटत है, जे नर आगे पाप,
तिनकी बाधा दूर करत है, राधा राधा नाम,
राधा नाम में सफल जिंदगानी लागे,
मने करो करो...........................

हळदीघाटी

कोनी कोरो नांवरेत रो हळदीघाटी,
अठै उग्यो इतिहासपुजीजै इण री माटी, 

कण-कण घण अणमोलरगत स्यूं अंतस भीज्यो।

नहीं निछतरी भोमगिगन रो हियो पतीज्यो, 

गूंजी चेतक टापजुद्ध रा ढोल घुरीज्या,

पड़ी ना’र री थापजुलम रा पग डफळीज्या, 

राच्यो रण घमसाणबाण स्यूं भाण ढकीज्यो।

लसकर लोही झ्याणअथग खांडो खड़कीज्यो, 

मूंघी मोली राड़स्याळ स्यूं सिंग अपड़ीज्यो,

दब्यो दरप रो सरपसांतरो फण चिगदीज्यो, 

नहीं तेल नारेळभटां रा मूंड चढीज्या,

धड़ लड़ धोयो कळखजबर दुसमण रळकीज्या,

दीन्ही गोडी टेकअठै आयोड़ी हूणी,

माथै लगा बभूतपूत, जामण री धूणी, 

थिरचक डांडी साचपालड़ै तिरथ तुलीजै।

इण री चिमठी धूळबापड़ो सुरग मुलीजै।

रचनाकार: कन्हैया लाल सेठिया 


माँ बेटे का है इस जग में, बड़ा ही निर्मल नाता |

माँ बेटे का है इस जग में, बड़ा ही निर्मल
नाता |
पूत कपूत सुने है, पर ना माता सुनी कुमाता ||
मा वो नही जो तुझे गम में छोड़ देंगे...
मा वो नही जो तुझसे नाता तोड़ देंगे... मा तो वो है अगर तेरी सांसे बंद हो
तो वो अपनी सांसे जोड़ देंगे .. ♥♥♥♥

माँ

सबसे सुन्दर जग में कौन?
बस एक तू है माँ
सबसे प्यारी किसकी मुस्कान?
बस एक तेरी ही है माँ
किस ने बनायीं मेरी पहचान?
तूने ही तो मेरी प्यारी माँ
किसकी बोली मिश्री से मीठी
तेरी ही है मेरी माँ
किसकी डांट है इमली से तीखी
तेरी ही तो प्यारी माँ
किसके लिए करूँ मैं सब कुर्बान
तेरे लिए मेरी प्यारी माँ